आज
भारतीय थल सेना अपना 71वां आर्मी दिवस मना रही है। आज ही के दिन 1949 में
फील्ड मार्शल केएम करियप्पा (Field Marshal KM Cariappa) ने जनरल फ्रांसिस
बुचर (General Sir Francis Butcher) से भारतीय सेना की कमान ली थी।
फ्रांसिस बुचर भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर इन चीफ थे। फील्ड मार्शल केएम
करियप्पा भारतीय आर्मी के पहले कमांडर इन चीफ बने थे। करियप्पा के भारतीय
थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभाह ग्रहण करने के उपलक्ष्य में हर साल यह
दिन मनाया जाता है। सेना दिवस पर पूरा देश थल सेना के अदम्य साहस, उनकी
वीरता, उसकी कुर्बानी को याद करता है।
आर्मी परेड
भारतीय आर्मी का गठन 1776 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने कोलकाता में किया था। आर्मी डे के मौके पर आर्मी परेड का नेतृत्व एक महिला अफसर करेंगी। लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी आर्मी सर्विस कोर के 144 जवानों को लीड करेंगी। आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत इनकी सलामी लेंगे।
भारतीय सेना
- भारतीय आर्मी का गठन 1776 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने कोलकाता में किया था।
- यूएसए और चीन के बाद इंडियन आर्मी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मिलिट्री कंटिंजेंट है।
- 2013 में उत्तराखंड के बाढ़ पीड़ितों को बचाने के लिए चलाया जाने वाला 'ऑपरेशन राहत' दुनिया का सबसे बड़ा सिविलियन रेस्क्यू ऑपरेशन था।
- यह दिन सैन्य परेडों, सैन्य प्रदर्शनियों व अन्य आधिकारिक कार्यक्रमों के साथ नई दिल्ली व सभी सेना मुख्यालयों में मनाया जाता है। इस दिन उन सभी बहादुर सेनानियों को सलामी भी दी जाती है जिन्होंने कभी ना कभी अपने देश और लोगों की सलामती के लिये अपना सर्वोच्च न्योछावर कर दिया।
जानें केएम करियप्पा के बारे में
- 1899 में कर्नाटक के कुर्ग में जन्मे फील्ड मार्शल करिअप्पा ने महज 20 वर्ष की उम्र में ब्रिटिश इंडियन आर्मी में नौकरी शुरू की थी।
- करिअप्पा ने वर्ष 1947 के भारत-पाक युद्ध में पश्चिमी सीमा पर सेना का नेतृत्व किया था।
- भारत-पाक आजादी के वक्त उन्हें दोनों देशों की सेनाओं के बंटवारे की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
- वर्ष 1953 में करिअप्पा सेना से रिटायर हो गए थे।
- भारतीय सेना में फील्ड मार्शल का पद सर्वोच्च होता है। ये पद सम्मान स्वरूप दिया जाता है। भारतीय इतिहास में अभी तक यह रैंक सिर्फ दो अधिकारियों को दिया गया है। देश के पहले फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ हैं। उन्हें जनवरी 1973 में राष्ट्रपति ने फील्ड मार्शल पद से सम्मानित किया था। एम करिअप्पा देश के दूसरे फील्ड मार्शल थे। उन्हें 1986 में फील्ड मार्शल बनाया गया था।
पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं
पीएम मोदी ने सेना को आर्मी डे की शुभकामनाएं देते हुए ट्वीट किया - 'सेना दिवस के अवसर पर हमारे जवानों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। हम सभी देशवासियों को अपने सैनिकों के दृढ़ संकल्प एवं समर्पण पर गर्व है। मैं उनके अदम्य साहस एवं वीरता को प्रणाम करता हूं।'
आर्मी परेड
भारतीय आर्मी का गठन 1776 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने कोलकाता में किया था। आर्मी डे के मौके पर आर्मी परेड का नेतृत्व एक महिला अफसर करेंगी। लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी आर्मी सर्विस कोर के 144 जवानों को लीड करेंगी। आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत इनकी सलामी लेंगे।
भारतीय सेना
- भारतीय आर्मी का गठन 1776 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने कोलकाता में किया था।
- यूएसए और चीन के बाद इंडियन आर्मी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मिलिट्री कंटिंजेंट है।
- 2013 में उत्तराखंड के बाढ़ पीड़ितों को बचाने के लिए चलाया जाने वाला 'ऑपरेशन राहत' दुनिया का सबसे बड़ा सिविलियन रेस्क्यू ऑपरेशन था।
- यह दिन सैन्य परेडों, सैन्य प्रदर्शनियों व अन्य आधिकारिक कार्यक्रमों के साथ नई दिल्ली व सभी सेना मुख्यालयों में मनाया जाता है। इस दिन उन सभी बहादुर सेनानियों को सलामी भी दी जाती है जिन्होंने कभी ना कभी अपने देश और लोगों की सलामती के लिये अपना सर्वोच्च न्योछावर कर दिया।
जानें केएम करियप्पा के बारे में
- 1899 में कर्नाटक के कुर्ग में जन्मे फील्ड मार्शल करिअप्पा ने महज 20 वर्ष की उम्र में ब्रिटिश इंडियन आर्मी में नौकरी शुरू की थी।
- करिअप्पा ने वर्ष 1947 के भारत-पाक युद्ध में पश्चिमी सीमा पर सेना का नेतृत्व किया था।
- भारत-पाक आजादी के वक्त उन्हें दोनों देशों की सेनाओं के बंटवारे की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
- वर्ष 1953 में करिअप्पा सेना से रिटायर हो गए थे।
- भारतीय सेना में फील्ड मार्शल का पद सर्वोच्च होता है। ये पद सम्मान स्वरूप दिया जाता है। भारतीय इतिहास में अभी तक यह रैंक सिर्फ दो अधिकारियों को दिया गया है। देश के पहले फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ हैं। उन्हें जनवरी 1973 में राष्ट्रपति ने फील्ड मार्शल पद से सम्मानित किया था। एम करिअप्पा देश के दूसरे फील्ड मार्शल थे। उन्हें 1986 में फील्ड मार्शल बनाया गया था।
पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं
पीएम मोदी ने सेना को आर्मी डे की शुभकामनाएं देते हुए ट्वीट किया - 'सेना दिवस के अवसर पर हमारे जवानों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। हम सभी देशवासियों को अपने सैनिकों के दृढ़ संकल्प एवं समर्पण पर गर्व है। मैं उनके अदम्य साहस एवं वीरता को प्रणाम करता हूं।'
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