Saturday, January 5, 2019

B'DAY SPL: 60 साल के हुए भारत को पहला वर्ल्ड कप दिलाने वाले कपिल देव

अपने 16 साल के करियर में कपिल देव ने 134 टेस्ट मैचों में 434 विकेट लिए। इसके अलावा उन्होंने 8 सेंचुरी के साथ 5248 रन बनाए। कपिल टीम इंडिया के सबसे सफल ऑलराउंडर माने जाते हैं।
Kapil Dev
टीम इंडिया को पहला वर्ल्ड कप जिताने वाले कप्तान कपिल देव का जन्म 6 जनवरी 1959 को चंडीगढ़ में हुआ था। आज भारत के महानतम ऑलराउंडर कहे जाने वाले कपिल देव निखंज का 60वां जन्मदिन है। अपने 16 साल के करियर में कपिल देव ने 134 टेस्ट मैचों में 434 विकेट लिए। इसके अलावा उन्होंने 8 सेंचुरी के साथ 5248 रन बनाए। कपिल देव टीम इंडिया के सबसे सफल ऑलराउंडर माने जाते हैं। उनकी ही कप्तानी में टीम इंडिया ने 1983 का वर्ल्ड कप खिताब जीता था। कपिल टेस्ट क्रिकेट में इकलौते खिलाड़ी हैं, जिनके नाम 400 से ज्यादा विकेट और 4000 से ज्यादा रनों का रिकॉर्ड है। 
कपिल देव ने 225 वनडे मैचों में 23.79 की औसत से 3783 रन और 27.45 की औसत से 253 विकेट झटके हैं। उनके नाम पर कई बड़े रिकॉर्ड दर्ज हैं और क्रिकेट से जुड़े कई किस्से भी हैं। कपिल के रूप में टीम इंडिया को पहला ऐसा तेज गेंदबाज मिला था जिसने विरोधी बल्लेबाजों के मन में खौफ भरना शुरू किया था।

IPL Auction 2019: गावस्कर ने बताया आईपीएल नीलामी में कपिल देव कितने करोड़ों में बिकत

जब 'डराया' था पाकिस्तानी बल्लेबाज को
16 अक्टूबर, 1978 के दिन टीम इंडिया को अपना पहला फॉस्ट बॉलर मिला था। कपिल देव इसी तारीख को पाकिस्तान के खिलाफ फैसलाबाद टेस्ट में अपने इंटरनेशनल करियर का आगाज कर रहे थे। कपिल ने पहली गेंद फेंकी स्ट्राइक पर पाकिस्तानी सलामी बल्लेबाज माजिद खान थे। कपिल की गेंद माजिद खान के हेलमेट से टकराई और चार रन के लिए गई। उस समय कमेंट्री करते हुए शख्स ने कहा कि इस तरह से पाकिस्तान को मिले चार रन और भारत को मिला एक तेज गेंदबाज।
कपिल देव के बारे में उनके पूर्व जोड़ीदार बलविंदर सिंह संधू बताते हैं कि 19 साल के कपिल उस समय 145 की रफ्तार से गेंदबाजी किया करते थे। लंबे समय तक वो भारत के इकलौते स्ट्राइक गेंदबाज रहे। साथ ही उन्हें लंबे स्पेल करने में महारत हासिल थी। फैसलाबाद टेस्ट में कपिल ने अपने टेस्ट करियर का पहला विकेट सादिक मोहम्मद के रूप में लिया, जिन्हें उन्होंने अपनी ट्रेडमार्क आउटस्विंग गेंद पर आउट किया था।

सादिक मोहम्मद और माजिद खान टेस्ट क्रिकेट के विशेषज्ञ सलामी बल्लेबाज थे। उस समय भारतीय गेंदबाजों के खिलाफ हेलमेट पहनने का चलन नहीं था। इतिहासकार रामचंद्र गुहा फैसलाबाद टेस्ट के बारे में बताते हैं कि अपने दूसरे ओवर में कपिल की एक गेंद सादिक की टोपी से कुछ इंच दूर से निकली। कपिल की इस बॉल से सादिक घबरा गए। उन्होंने तुरंत ड्रेसिंग रूम में इशारा कर अपने लिए हेलमेट की मांग की।
1983 वर्ल्ड कप फाइनल में भारत के सामने वेस्टइंडीज की चुनौती थी। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 183 रन बनाए थे, ऐसे में किसी को उम्मीद नहीं थी कि भारत वर्ल्ड कप जीत पाएगा। विव रिचर्ड्स अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे और वेस्टइंडीज की ओर से बेस्ट स्कोरर भी रहे थे। रिचर्ड्स 33 रन पर खेल रहे थे और मदन लाल गेंदबाजी कर रहे थे, उन्होंने शॉट मारा सबको लगा गेंद बाउंड्री लाइन के बाहर जाएगी लेकिन कपिल देव ने पीछे की ओर भागकर शानदार कैच लिया था। ये वो विकेट था, जिसने भारत और वर्ल्ड कप की दूरी बहुत कम कर दी थी।

No comments:

Post a Comment