वर्ल्ड
कप में सबसे अधिक पचास या पचास से अधिक रन का रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर के
नाम दर्ज है। विश्व कप में खेली 44 पारियों में सचिन ने 56.95 की औसत से
2278 रन बनाए हैं। इनमें 6 शतक और 15 अर्द्धशतक शामिल हैं। मार्टिन गप्टिल
809 रन बनाकर उनके करीब हैं। यानी अब सचिन के रिकॉर्ड टूटने की कोई संभावना
नहीं है।
भारत
एकमात्र ऐसा देश है, जो विश्व कप में 50 ओवर और 60 ओवर दोनों में विजेता
रहा है। 1983 में जब भारत ने पहली बार कप जीता तो 60 ओवर का फॉर्मेट था।
2011 में यह फॉर्मेट 50 ओवर का हो गया।
श्रीलंका
के लसिथ मलिंगा को अपने एक्शन और डेथ ओवर में विशेषज्ञता के चलते एक दशक
से अधिक समय से खतरनाक माना जाता है। 2007 के विश्व कप में मलिंगा ने 45
ओवर की अंतिम दो गेंदों पर और 47वें ओवर की पहली दो गेंदों पर विकेट ली थी।
यानी चार गेंदों में चार विकेट। इस रिकॉर्ड के टूटने की भी बहुत कम
संभावना है।
दुनिया
के बेहतरीन बल्लेबाज श्रीलंका के कुमार संगकारा ने 2015 के विश्व कप में
बांग्लादेश, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और स्कॉटलैंड के खिलाफ लगातार 4 शतक
लगाए थे। यह अब तक एक रिकॉर्ड है।
कपिल
देव ने जब 1983 में पहली बार भारत को विश्व कप जितवाया तो उनकी उम्र महज
24 साल थी। यह रिकॉर्ड पिछले 36 सालों से वहीं खड़ा है। इस रिकॉर्ड के
टूटने की संभावना भी कम ही है।
सचिन
तेंदुलकर और जावेद मियांदाद दोनों ही अपने अपने देशों के महान खिलाड़ी रहे
हैं। इन दोनों ने 6 बार विश्व कप में भाग लिया जो अब तक रिकॉर्ड है।
ऑस्ट्रेलिया
ने 1999 से 2007 के बीच लगातार तीन बार विश्व कप पर अपना कब्जा करके
दुनिया को दिखाया कि क्यों ऑस्ट्रेलिया की टीम महान कही जाती है, लेकिन अब
ऑस्ट्रेलिया का खौफ क्रिकेट से लगभग समाप्त हो गया है।
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